अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध की स्थिति झेल रहे चीन ने अब भारत के साथ संबंधों में सुधार के संकेत दिए हैं। पिछले तीन महीनों में चीन ने 85,000 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को वीजा जारी किए हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि बीजिंग भारत के साथ सहयोग और संवाद को नया आयाम देना चाहता है।
? पाकिस्तान को चिंता, विश्लेषकों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी विश्लेषक कमर चीमा ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब भारत के आर्थिक महत्व को समझ चुके हैं। उन्होंने माना कि चीन की अर्थव्यवस्था पर अमेरिका के टैरिफ युद्ध का दबाव है, जिसके चलते बीजिंग भारत से करीबी बढ़ा रहा है।
चीमा ने यह भी कहा कि BRICS जैसे मंचों पर चीन, भारत के साथ अपनी रणनीतिक नज़दीकी बढ़ा रहा है।
? वीजा प्रक्रिया में सुधार, रिश्तों में नरमी
चीन के भारत में राजदूत जू फीहोंग ने भारतीयों को "दोस्त" बताते हुए कहा – “हम भारतीयों का चीन में स्वागत करते हैं। आइए और खुले, सुरक्षित, जीवंत तथा मैत्रीपूर्ण चीन का अनुभव कीजिए।”
चीन ने भारतीय यात्रियों के लिए वीजा नियमों को सरल बनाया है:
- अब ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की ज़रूरत नहीं
- वीजा फीस में कमी
- पूरी प्रक्रिया में तेजी
? व्यापार और यात्रा को बढ़ावा
जनवरी 2025 की भारत-चीन बैठक में सीधी उड़ानों की बहाली पर सहमति बनी थी। विक्रम मिस्री और वांग यी के बीच हुई बातचीत में सीमा विवाद, व्यापार और ट्रैवल जैसे अहम मुद्दों पर सहमति बनी।
2020 के गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी, लेकिन अक्टूबर 2024 में सैन्य गतिरोध कम होने और शी जिनपिंग तथा नरेंद्र मोदी की रूस में हुई मुलाकात के बाद संबंधों में तेजी से सुधार देखा जा रहा है।